प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार गेहूं के जवारे तथा श्यामा (काली) तुलसी के रस का एक माह तक सेवन से रक्त दोष, गठिया, नाडी रोग अथवा कैंसर उपचार मे उपयोगी पाया गया है। प्राकृतिक चिकित्सा मे इस रस को हरा कहा जाता है तथा हरा कैंसर उपचार में विशिष्ट उपयोगी पाया गया है।
गेहूं के जवारे की उपलब्धि हेतु सात गमलों में गेहूं बो दे जब जवारे की लम्बाई छ: इन्ची तो पहले गमलों के जवारे निकाल ले तथा दूसरे पुनः बो दे अगले दिन गमले के जवारे अगले दिन गमले क जवारे काम में लायें।
गेहूं के जवारे तथा श्यामा काली तुलसी के पाच पत्तो के साथ पीसकर रस निकाल ले। एक खुराक 100 मिली लिटर रस की है। यह खुराक प्रात: खाली पेट सूर्य रश्मियों का सेवन करते हुए उपयोग करे।
गेहूं के जवारे विटामिन्स और मिनरल्स का सबसे बढ़िया सोर्स हैं। इसमें विटामिन A, B, C, E और K के अलावा अमीनो एसिड्स भी पाए जाते हैं। इसका रस पीने और इसे बॉडी पर अप्लाई करने से इसके कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं।


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