Thursday, 21 December 2017

क्या आप जानते हैं दूध भी हो सकता है जहरीला

दोस्तो हम आपको आज दूध भी हो सकता है जहरीला रहे हैं। दोस्तो भारत में मिलावट का दौर बदस्तूर जारी है। आज बात करते हैं दूध के बारे में दूध में मिलावट कई तरह से की जाती हैं जिनमें पानी, यूरिया, शैम्पू , डिटर्जेंट , नमक , आरारोट , हाइड्रोजन पेरासाईट , पामोलीन आदि।
वैसे सच कहा जाए तो दूध में मिलावट के इतने तरीके विकसित कर लिए गए हैं की दूध में पानी मिलाने को तो नैतिक रूप से मिलावट की श्रेणी से बाहर रखा जा सकता हैं क्योंकि कम से कम जहर तो नहीं मिलाया जा रहा है जबकि अन्य पदार्थ तो जहर हैं लेकिन फिर भी उनको दूध में मिलाया जा रहा है। नमक और सोडे से दूध का मीटर तुरंत ऊपर चला जाता है, आरारोट से दूध मोटा हो जाता है , शैम्पू से झाग भी बन जाते है आदि आदि। अब बात करते हैं की इस मिलावट को रोकने के क्या प्रयास जारी है आइये देखते है।
  • न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति ए के सीकरी की खंडपीठ ने कहा कि इस मिलावट के लिए छः महीने की सजा अपर्याप्त है, इसे कम से कम उम्र कैद होना चाहिए।
  • मध्य प्रदेश विधानसभा ने दंड विधेयक 2014 में संशोधन पारित किया है जिसके अनुसार मिलावटी दूध बेचने वाले को आजीवन कारावास होगा तथा यह अपराध गैर जमानती होगा। इसकी सुनवाई भी सेशन कोर्ट में होगी।
  • केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के स्वामी अच्युतानंद तीर्थ के नेतृत्व में प्रबुद्ध नागरिकों की जनहित याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में न्यायालय को यह जानकारी दी कि देश में 68 फीसदी से अधिक दूध खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के मानकों के अनुरूप नहीं हैं।
  • न्यायालय ने इस याचिका पर हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए थे। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिंथेटिक और मिलावटी दूध तथा दूध के उत्पाद यूरिया, डिटरजेंट, रिफाइंड ऑयल, कॉस्टिक सोडा और सफेद पेंट आदि से तैयार हो रहे हैं और यह मानव जीवन के लिए बहुत घातक है, क्योंकि इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
  • खाद्य वस्तुओं में मिलावट की जांच के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने एक सस्ती तकनीक विकसित कर ली है ,तकनीक को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है एनडीआरआई के निदेशक डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दूध व दुग्ध उत्पादों में मिलावट की जानकारी के लिए विकसित की गई पहली तकनीक से यूरिया, स्टार्च, गंदे पानी, शुगर, पामोलीन, हाइड्रोजन पैरासाइट सहित ११ तरह की मिलावट की जांच हो सकती है। इस तकनीक को किट के रूप में बनाया गया है।
यहां दी गई सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है।

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