Friday, 22 December 2017

क्या आप जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार भोजन के अंत में पानी विष के सामान होता है

नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत हैं, हमे भोजन हमेशा आराम से जमीनपर बैठकर करना चाहिए ताकि सीधे अमाशय में जा सके । यदि पानी पीना हो तो भोजन से आधा घंटा पहले पी ले । भोजन के समय पानी न पियें । यदि प्यास लगती हो या भोजन अटकता हो तो मठ्ठा या छाछ ले सकते हैं या उस मौसम के किसी भी फल का रस पी सकते है डिब्बा बंद फलों का रस गलती से भी न पियें। पानी नहीं पीना है क्योंकि जब हम भोजन करते है तो उस भोजन को पचाने के लिए हमारे जठर में अग्नि प्रदीप्त होतीहै । उसी अग्नि से वह खाना पचता है । यदि हम पानी पीते है तो खाना पचाने के लिए पैदा हुई अग्नि मंद पड़ती है और खाना अच्छी तरह से नहीं पचता और वह विष बनता है जो कई तरह की बीमारियां पैदा करता है । भोजन करने के एक घन्टा बाद ही पानी पिए वो भी घूंट घूंट करके।

  • खाना खाने से पहले पानी पीना चाहिए और यह खाना खाने से 40 मिनट पहले पीना चाहिए।
  • खाने के बाद मुंह और गले को साफ़ करने के लिए 1 या 2 घूँट गर्म या गुनगुना पानी लिया जा सकता है।
  • यदि वाकई में आपको प्यास लग रही है तो सुबह के नाश्ते के बाद मौसमी फलों का जूस पिया जा सकता है और लंच के बाद दही या छाछ ली जा सकती है। रात के खाने के बाद दूध लिया जा सकता है। हालाँकि इनमे भी पानी होता है लेकिन ये भोजन को पचाने में मददगार हैं और शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुँचाते।
  • गर्म चाय की तरह पानी को एक एक घूँट लेकर पियें। वॉटर थेरेपी ट्रीटमेंट और उसके लाभ।
  • सुबह सबसे पहले पानी पियें। यह शरीर के तापमान को गर्म करेगा और यह एक एक घूँट लेकर पीना। चाहिए जिससे पेट में ज्यादा से ज्यादा लार जाएगी। आप सिर्फ यदि पानी पी रहें हैं तो इसे ताम्बे के बर्तन में रखें इससे इसे गर्म नहीं करना पड़ेगा, इसमें गर्म पानी के सभी गुण आ जायेंगे। घड़े के पानी को भी गर्म करना चाहिए। 18 वर्ष से ज्यादा और 60 वर्ष से काम आयु के लोगों को 1.5 से 2 गिलास पानी पीना चाहिए और अन्य को 1.25 लीटर यानि 3 गिलास पानी पीना चाहिए। यह पानी की वह मात्रा है जो आप बिना प्यास के भी पी सकते हैं। इस क्रिया को 6 माह तक करें और अपने स्वास्थ्य में फर्क देखें। आप हल्का और फ्रेश महसूस करेंगे और यह नींद, पाचन, दर्द और दिल सबके लिए बेहतर है।

  • यदि आप ताम्रपात्र में पानी का सेवन कर रहें हैं तो 3 माह के बाद कुछ सप्ताह के लिए इसका सेवन बंद कर दें फिर पुनः शुरू करें।
  • ठंडा पानी कभी नहीं पियें। यह गर्म/ गुनगुना या शरीर के तापमान के अनुसार होना चाहिए। ठंडा पानी पीने से शरीर के कुछ अंगों में रक्त नहीं पहुँचता है। कुछ समय के बाद यह कमजोरी और कई प्रकार की बिमारियों का कारण बनता है जैसे की हार्ट अटैक, किडनी फेलियर, ब्रेन हेमरेज आदि। अधिकतर बार ठंडा पानी पीना कब्ज का मुख्य कारण होता है। इससे बड़ी आंत सिकुड़ती है जो कि अनेक जटिलताएं पैदा करती है। यह बात अन्य ठंडे खाद्य पदार्थों पर भी लागू होती है।
  • मोटापा कम करने के लिए यह पद्धति सर्बोत्तम है । पित्त की बीमारियों को कम करने के लिए, अपच, खट्टी डकारें, पेट दर्द, कब्ज, गैस आदि बीमारियों को इस पद्धति से अच्छी तरह से ठीक किया जा सकता है ।
यहां दी गई सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है।

Thursday, 21 December 2017

क्या आप जानते हैं दूध भी हो सकता है जहरीला

दोस्तो हम आपको आज दूध भी हो सकता है जहरीला रहे हैं। दोस्तो भारत में मिलावट का दौर बदस्तूर जारी है। आज बात करते हैं दूध के बारे में दूध में मिलावट कई तरह से की जाती हैं जिनमें पानी, यूरिया, शैम्पू , डिटर्जेंट , नमक , आरारोट , हाइड्रोजन पेरासाईट , पामोलीन आदि।
वैसे सच कहा जाए तो दूध में मिलावट के इतने तरीके विकसित कर लिए गए हैं की दूध में पानी मिलाने को तो नैतिक रूप से मिलावट की श्रेणी से बाहर रखा जा सकता हैं क्योंकि कम से कम जहर तो नहीं मिलाया जा रहा है जबकि अन्य पदार्थ तो जहर हैं लेकिन फिर भी उनको दूध में मिलाया जा रहा है। नमक और सोडे से दूध का मीटर तुरंत ऊपर चला जाता है, आरारोट से दूध मोटा हो जाता है , शैम्पू से झाग भी बन जाते है आदि आदि। अब बात करते हैं की इस मिलावट को रोकने के क्या प्रयास जारी है आइये देखते है।
  • न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति ए के सीकरी की खंडपीठ ने कहा कि इस मिलावट के लिए छः महीने की सजा अपर्याप्त है, इसे कम से कम उम्र कैद होना चाहिए।
  • मध्य प्रदेश विधानसभा ने दंड विधेयक 2014 में संशोधन पारित किया है जिसके अनुसार मिलावटी दूध बेचने वाले को आजीवन कारावास होगा तथा यह अपराध गैर जमानती होगा। इसकी सुनवाई भी सेशन कोर्ट में होगी।
  • केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के स्वामी अच्युतानंद तीर्थ के नेतृत्व में प्रबुद्ध नागरिकों की जनहित याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में न्यायालय को यह जानकारी दी कि देश में 68 फीसदी से अधिक दूध खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के मानकों के अनुरूप नहीं हैं।
  • न्यायालय ने इस याचिका पर हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किए थे। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिंथेटिक और मिलावटी दूध तथा दूध के उत्पाद यूरिया, डिटरजेंट, रिफाइंड ऑयल, कॉस्टिक सोडा और सफेद पेंट आदि से तैयार हो रहे हैं और यह मानव जीवन के लिए बहुत घातक है, क्योंकि इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
  • खाद्य वस्तुओं में मिलावट की जांच के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने एक सस्ती तकनीक विकसित कर ली है ,तकनीक को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है एनडीआरआई के निदेशक डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दूध व दुग्ध उत्पादों में मिलावट की जानकारी के लिए विकसित की गई पहली तकनीक से यूरिया, स्टार्च, गंदे पानी, शुगर, पामोलीन, हाइड्रोजन पैरासाइट सहित ११ तरह की मिलावट की जांच हो सकती है। इस तकनीक को किट के रूप में बनाया गया है।
यहां दी गई सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है।

Monday, 18 December 2017

आप जानते हैं राजमा के बहुमूल्य गुणों को


दोस्तो राजमा हमारे परिवारों में काफी चाव से खाया जाता हैं जिसमें राजमा चावल के तो हम दीवाने है। राजमा टेस्ट के साथ साथ ये स्वास्थ के लिए भी अच्छा है। इसे खाने से शरीर पुष्ट रहता है। कहते है सोया उत्पादों में प्रोटीन अधिक होता है, लेकिन मैं आपको बता दूँ राजमा प्रोटीन की खान है, इसमें सोया उत्पाद से भी 21 प्रतिशत प्रोटीन है। दोस्तो राजमा एक ऐसी दलहनी फसल हैं जिसमे बहुमूल्य गुण हैं जो एक तीर कई निशाने लगाता है।
राजमा के गुण
    एनर्जी दे राजमा खाने से हमें ताकत मिलती है, क्यूंकि इसमें आयरन की अधिकता होती है. शरीर में मेटापोलिस्म बढ़ाने व एनर्जी के लिए आयरन सबसे जरुरी है. इसके खाने से शरीर में ओक्सीजन का प्रवाह सुचारू रूप से होता है.
    वजन कंट्रोल रखे राजमा में कैलोरी पाई जाती है लेकिन औसत रहती है जिसे कोई भी उम्र का इन्सान आसानी से खा सकता है. राजमा को सूप व सलाद में लंच में खाना चाहिए ज्यादा फायदा मिलेगा. जो अपने वजन को मेन्टेन रखना चाहते है उन्हें राजमा जरुर खाना चाहिए क्यूंकि इसमें सभी तरह के पोषक तत्व होते है.
    डायबटीज कंट्रोल राजमा में मौजूद फाइबर शरीर में मेटापोलिस्म मेन्टेन करता है. ये कार्बोहाइड्रेट को कम करते है जिससे ब्लडशुगर कम होता है.
    कोलेस्ट्रोल कम करे राजमा शरीर में कोलेस्ट्रोल कम करने में सहायक है. राजमा में मौजूद फाइबर पेट में जाकर gel जैसा हो जाता है जो कोलेस्ट्रोल कम करता है.
    ब्लडप्रेशर कंट्रोल राजमा में मौजूद मैग्नीशियम व पोटेशियम के आलावा प्रोटीन व फाइबर ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करते है, साथ ही हार्ट बीट को भी सामान्य रखता है. इससे पुरे दिल ही सुरक्षा होती है.
    प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करे राजमा फाइबर व प्रोटीन की खान तो है ही लेकिन इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है. ये एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, जिससे शरीर में संक्रमण का असर जल्दी नहीं पड़ता.
    कैंसर जैसी बीमारी से बचाए राजमा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट यहाँ भी काम करता है और कैंसर से बचाता है ये फ्री रेडिकल्स को सुरक्षित रखता है, साथ ही विटामिन कोशिकाओं को सुरक्षित रखता है जो कैंसर का मुख्य कारण है.
    शरीर को अंदर से साफ करे राजमा खाने से शरीर के अंदर के सारे विषेले तत्व बाहर निकल जाते है, जप पेट पूरी तरह से साफ हो जाता है. ये सिरदर्द जैसी छोटी समस्या को हल कर देता है. साथ ही ये पाचन में भी मदद करता है, राजमा पेट में घुलनशील फाइबर बनाता है सो पाचन में सहायक है.
    दिमाग तेज करे राजमा खाने से दिमाग मजबूत होता है याददाश भी बढती है. इसमें मौजूद विटामिन k दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद है. इसके अलावा इसमें मौजूद मैग्नीशियम माइग्रेन की समस्या को भी हल करता है. हफ्ते में एक बार खाने से ये परेशानी दूर होती है.
    हड्डी मजबूत करे राजमा में कैल्शियम, बायोटिन व मैगनीस होता है जो हड्डी, नाख़ून व बालों के लिए बहुत अच्छा होता है. इससे हड्डी मजबूत होती, नाख़ून चमकदार होते है व जल्दी टूटते नहीं है ना ही इनमें फंगस लगती है. इसी तरह ये बाल भी मज्ब्बोत करता है उनका गिरना कम होता है व वे लम्बे काले घने बनते है.
    प्रोटीन की अधिकता राजमा में अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है. जो लोग नॉनवेज नहीं खाते है, उनके लिए राजमा प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत्र होता है. राजमा को चावल के साथ खाने से यह एक अच्छी मील बन जाती है और ये शरीर को सारे पोषक तत्व देती है.
    फाइबर अधिक होता है राजमा में फाइबर बहुत अधिक होता है, इसे खाने पर आपको देर तक भूख नहीं लगती और शरीर को आसानी से पचने वाले फाइबर मिलते है.

Sunday, 10 December 2017

कम समय में इस तरह पाएं बवासीर से छुटकारा


नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं हमारे यू सी चैनल पर आज हम आपको बवासीर से छुटकारा पाने के लिए एक रामबाण प्रयोग बताने जा रहे हैं।
दोस्तो कहते हैं कि नारियल खाने से आपको जितने पोषक तत्व मिलते हैं, उतने किसी में नहीं मिलते। नारियल एक ऐसा पदार्थ है, जो कई बीमारियों का इलाज भी है। बवासीर एक ऐसी समस्या है, जिसमें व्यक्ति सबसे ज्यादा परेशान होता है। अगर आप बवासीर से परेशान हैं चाहे वह खुनी हो चाहे बादी, ये एक प्रयोग आपके लिए रामबाण की तरह साबित हो सकता है। इस प्रयोग से पुरानी से पुरानी बवासीर एक से दो दिन में सही हो जाएगी। इस इलाज से एक दिन में ही रक्तस्राव बंद हो जाता है। बड़ा सस्ता व सरल उपाय है। एक बार इसको ज़रूर अपनाकर देखिए, आइए जानते हैं किस तरह आप इसे अपना सकते है।

इस तरह करें प्रयोग
नारियल की जटा लीजिए। उसे माचिस से जला दीजिए। जले हुए नारियल की जटा को शीशी में भर कर रख लीजिए। अब डेढ़ कप छाछ या दही के साथ नारियल की जटा से बनी भस्म तीन ग्राम खाली पेट दिन में तीन बार सिर्फ एक ही दिन लेनी है। ध्यान रहे दही या छाछ ताजी हो खट्टी न हो। कैसी और कितनी ही पुरानी पाइल्स की बीमारी क्यों न हो, एक दिन में ही ठीक हो जाती है।
कुछ बातों का ध्यान रखें
दिन में दवा लेने के एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक कुछ न खाएं तो चलेगा। अगर रोग ज्यादा जीर्ण हो और एक दिन दवा लेने से लाभ न हो तो दो या तीन दिन लेकर देखिए। बवासीर से बचने के लिए मल मार्ग को गर्म पानी से न धोएं। खासकर जब तेज गर्मियों के मौसम में छत की टंकियों व नलों से बहुत गर्म पानी आता है तब मल मार्ग को उस गर्म पानी से धोने से बचना चाहिए।
एक बार बवासीर ठीक हो जाने के बाद बदपरहेजी के कारण उसके दुबारा होने की संभावना रहती है। अत: बवासीर के रोगी के लिए बदपरहेजी से परम आवश्यक है। इस प्रयोग को अपनाने से पहले एक बार विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें। यहां दी गई सामग्री केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है।

A1

क्या आप जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार भोजन के अंत में पानी विष के सामान होता है

नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत हैं, हमे भोजन हमेशा आराम से जमीनपर बैठकर करना चाहिए ताकि सीधे अमाशय में जा सके । यदि पानी पीना हो तो भोजन से आ...