Wednesday, 29 November 2017

मिटटी के बर्तन में खाना पकाने के फायदे जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान


भारत भी कई हजार साल पहले एल्युमीनियम (बॉक्साइट) बना सकता था क्योंकि एलुमिनियम का रो मटेरियल इस देश में भरपूर मात्रा में है लेकिन कई हजार साल से भारत में मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता रहा है क्योंकि मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते थे इस बात को अब आधुनिक विज्ञान भी साबित कर चुका है।
  • हम लोग खाना इसलिए खाते है ताकि हमारे शरीर को जरुरी प्रमाण में पोषक तत्त्व मिले जो भोजन हम खाते हैं उसमे अपने आप में तो मिनरल्स विटामिन्स प्रोटीन तो होते ही हैं, इनके ये गुण बढ़ाने या घटाने में इनको पकाने वाले बर्तन भी विशेष स्थान रखते हैं आइये जानते हैं मिटटी और दूसरे बर्तन में बनाया हुआ भोजन किस प्रकार प्रभावी और दुष्प्रभावी होता हैं।
  • भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरेधीरे ही पकना चाहिए साथ ही भोजन में मौजूद सभी प्रोटीन शरीर को खतरनाक बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं भले ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने में वक़्त थोड़ा ज्यादा लगता है, लेकिन इससे सेहत को पूरा लाभ मिलता है।
  • मिट्टी के बर्तन बाकी धातुओं के बर्तनों के मुकाबले काफी सस्ते होते हैं मिट्टी से बने ये बर्तन अलग अलग आकारों और साइज़ में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और ये काफी सस्ते भी होते हैं मिटटी से बने इन बर्तनों को आप घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग करके भी खरीद सकते हैं।
  • कितने प्रकार के होते हैं मिट्टी के ये बर्तन कई तरह के मिलते हैं जिनमें सिरेमिक, क्ले, क्रीमवियर पॉट्स और पैन्स या टेराकोटा के बने हुए बर्तन मिल जाएंगे इनकी कई तरह की रेंज आपको मिल सकती है. आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से इनका चुनाव कर सकते हैं और इनसे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ हासिल कर सकते हैं।
ऊष्मा प्रतिरोधी आम धारणा के विपरीत मिट्टी के इन बर्तनों में ऊष्मा को अवशोषित करने की क्षमता तांबे और लोहे के बर्तनों के मुकाबले ज्यादा नहीं होती, इसलिए ज्यादा गरम होने पर इनके टूटने का खतरा रहता है. लेकिन धीमी आंच पर आसानी से इनमें खाना बनाया जा सकता है. आप इनमें रोज़ाना दाल, चावल और सब्ज़ी पका सकते हैं. भोजन को पकाते समय सूर्य का प्रकाश और हवा का स्पर्श होना आवश्यक है भोजन को अधिक तापमान में पकाने से उसके सूक्ष्म पोषकतत्त्व नष्ट हो जाते हैं भोजन को प्रेशर कूकर में पकाने से भोजन पकता नहीं है, बल्कि भाप और दबाव के कारण टूट जाता है, जिसे हम पका हुआ भोजन कहते है. इनकी सबसे अच्छी बात ये है कि इनको आप माइक्रोवेव में ही इस्तेमाल कर सकते हैं।
बर्तनो में पाये जाने वाले पोषक तत्व मिटटी के बरतन में खाना बनाये तो 100 प्रतिशद पोषक तत्त्व बचते है अगर पीतल के बरतन में बनाये तो 7 प्रतिशद  पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते है, 93 प्रतिशद  बचते है “अगर कासे के बरतन में बनाये तो 3 प्रतिशद  पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते है, 97 प्रतिशद  बचते है।
एलुमिनियम और स्टील हालांकि आज से 200 साल पहले से ही मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग होना बंद हो गया अगर आप लोग एलुमिनियम के प्रेसर कूकर में खाना बनाते हो तो 87 प्रतिशद  पोषक तत्त्व नष्ट हो जाते है, सिर्फ 13 प्रतिशद  ही बचते है ये पोषक तत्व तो कम करता ही हैं साथ में एल्युमीनियम खाने के माध्यम से हमारे शरीर में धीरे धीरे पहुँचता रहता हैं और फिर ये शरीर से निकल भी नहीं पाता इसलिए स्टील और एल्युमीनियम दोनों ज़हर हैं।
अगर आप भी जीना चाहते हैं स्वस्थ जीवन तो ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें बहुत ही कम लोग इस बात को मानेगें लेकिन ये बात तो सच है कि यदि शरीर को रोगमुक्त और लंबी उम्र तक जीना है, तो मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने की आदत डालें।

Thursday, 23 November 2017

गेहूं के जवारे पृथ्वी का संजवीनी रस

प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार गेहूं के जवारे तथा श्यामा (काली) तुलसी के रस का एक माह तक सेवन से रक्त दोष, गठिया, नाडी रोग अथवा कैंसर उपचार मे उपयोगी पाया गया है। प्राकृतिक चिकित्सा मे इस रस को हरा कहा जाता है तथा हरा कैंसर उपचार में विशिष्ट उपयोगी पाया गया है।
गेहूं के जवारे की उपलब्धि हेतु सात गमलों में गेहूं बो दे जब जवारे की लम्बाई छ: इन्ची तो पहले गमलों के जवारे निकाल ले तथा दूसरे पुनः बो दे अगले दिन गमले के जवारे अगले दिन गमले क जवारे काम में लायें।
गेहूं के जवारे तथा श्यामा काली तुलसी के पाच पत्तो के साथ पीसकर रस निकाल ले। एक खुराक 100 मिली लिटर रस की है। यह खुराक प्रात: खाली पेट सूर्य रश्मियों का सेवन करते हुए उपयोग करे।
 गेहूं के जवारे विटामिन्स और मिनरल्स का सबसे बढ़िया सोर्स हैं। इसमें विटामिन A, B, C, E और K के अलावा अमीनो एसिड्स भी पाए जाते हैं। इसका रस पीने और इसे बॉडी पर अप्लाई करने से इसके कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं।

Monday, 20 November 2017

दाद खाज खुजली को जड़ से मिटाने के 10 उपाय और आयुर्वेदिक घरेलू दवा

दोस्तो दाद एक फंगल इन्फेक्शन है जो सर, पैर, गर्दन या किसी अंदरुनी भाग मे कहीं भी हो सकता है । ये लाल या हलके ब्राउन रंग का गोल आकार का होता है। ये इंसान , जानवर किसी से भी फेल सकता है। लेकिन डरें नहीं ये आसानी से ठीक भी हो जाता है। ये किसी कीड़े से नहीं होता ये तो एक फंगल इन्फेक्शन है। अगर आपको ये इन्फेक्शन है तो आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से पर लाल गोल निशान देख सकते हैं। ये बहुत तेज़ी से फेलता है जिस जगह पर हुआ है उसके आस पास की जगह पर भी फैलने लगता है। इसका इन्फेक्शन ज्यादा बढ़ने पर आप शरीर पर उभार और फुंसियाँ भी देख सकते ह हैं और उनमें पस भरने लगती है। खुजली खारिश के उपचार के लिए जरुरी है की साफ़ सफाई का ध्यान रखे। शरीर को साफ़ रखे और साफ़ सुथरे कपड़े पहने। अगर सही तरीके से और सही समय पर इचिंग का इलाज किया जाये तो इस समस्या को बढ़ने से रोक सकते है। घर पर कुछ देसी नुस्खे और घरेलू उपचार करके भी दाद खाज खुजली ठीक करने के उपाय कर सकते है। आइये जाने
खुजली के कारण स्किन की एलर्जी के कारण जादातर खुजली की समस्या होती है, इसके इलावा कुछ कारण और भी है जिनकी वजह से शरीर पर इचिंग की समस्या होने लगती है। जैसे त्वचा रूखी रहने से, धूल मिट्टी की कारण, मौसम में आये बदलाव से, स्किन पर इंफेक्शन होना, लंबे समय तक गीले रहने से, किसी क्रीम या मेडिसिन के साइड इफ़ेक्ट से, बालों में जुएं और रूसी होने के कारण सिर में खुजली होने लगती है।,
खारिश खुजली के लक्षण त्वचा का रंग लाल पड़ना, त्वचा पर छोटे दाने निकलना, जलन महसूस होना और जादा खारिश होना आदि

दाद खाज खुजली का उपाय
  1. खीरे के रस से हल्की मालिश करने से खुजली दूर हो जाती है।
  2. अगर खुजली जादा होती है तो 1 हफ्ता टमाटर का रस सुबह सुबह पिए।
  3. खारिश करने से अगर दानों में से पानी निकलता है तो आप इसे गीला होने से बचाए।
  4. नीम की पत्तियों को पानी में उबाले और इस पानी से नहाए। इस घरेलू नुस्खे से कीटाणु खत्म होते है।
  5. कपूर को नारियल तेल में डाल कर अच्छे से मिला ले और इचिंग वाली जगह पर मसाज करे।
  6. एलोवेरा के पत्ते को काट कर इसका गर निकाल कर लगाने से स्किन इचिंग से राहत मिलती है।
  7. खारिश बार बार हो तो देसी घी को गुनगुना करे और उससे हल्के हाथों से प्रभावित जगह पर मसाज करे।
  8. थोड़ी से मुलतानी मिट्टी दो से तीन चम्मच गुलाब जल में मिलाकर इसका लेप लगाने से खुजली दूर होती है।
  9. एक चम्मच डेटॉल एक चम्मच पानी में मिक्स कर ले और रूई से खुजली वाले स्थान पर लगाए। इस उपाय से भी खुजली खत्म होती है।
  10. आप अगर दाद खाज खुजली की समस्या से परेशान है तो नहाते समय साबुन और शैम्पू का इस्तेमाल ना करे और स्नान के बाद नारियल का तेल लगाए।
दाद खाज खुजली ठीक करने के आयुर्वेदिक नुस्खे
  • जड़ से दाद खाज खुजली का ईलाज करने के लिए नीम के पत्ते दही में पीस कर लगाए।
  • गेंदे के फूल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते है, पानी में गेंदे के पत्ते उबाल कर दिन में 2 से 3 बार प्रयोग करे।
  • हल्दी का लेप दाद खाज पर लगाने से भी इससे छुटकारा पाने में मदद मिलती है। एक बार दिन में और रात को सोने से पहले इस उपाय को करे।
  • अजवाइन गर्म पानी में पीस कर इसका लेप दाद पर लगाने से दाद ठीक होता है, इसके इलावा दाद को अजवाइन के पानी से धोने से भी फायदा मिलता है।
  • त्रिफला को भुन कर इसे पीस ले और चूर्ण बना ले, इस चूर्ण में सरसों का तेल, देसी घी, थोड़ी सी फिटकरी, सरसो का तेल और पानी मिलाकर मरहम बना ले। ये मरहम पकने वाले दाद के लिए रामबाण दवा है।
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घर में बना ये लिप बाम सर्दी में फटे होंठों को मुलायम रखता है

दोस्तो सर्दी का मौसम बहुत ही मस्‍त होता है। लेकिन कुछ लोगों को इस मौसम में तमाम तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है। इनमें सबसे बड़ी समस्‍या है फटे होंठ और रूखी त्‍वचा। फटे होंठों को नर्म और मुलायम रखना बड़ी चुनौती होती है। इसके लिए लड़कियों को लिप बाम लगाना ज्‍यादा पसंद होता है। महिलाओं को सुंदर लिप देने में लिप बाम का बहुत महत्‍व होता है। वैसे तो लड़किया दिनभर लिप बाम लगाते रहते हैं, लेकिन थोड़ी ही देर के बाद इसका असर खत्‍म हो जाता है। अगर आप भी मार्केट में मिलने वाले लिप बाम का बार बार इस्‍तेमाल करते हैं तो आपके लिए हम घर में कैसे लिप बाम बनाकर होठों को सेहतमंद बना सकते हैं।

सामग्री ताजा चुकंदर, नारीयल का तेल, फूड प्रोसेसर, छन्नी, एक छोटा कंटेनर आदि
  • लिप बाम बनाने का तरीका सबसे पहले चुकंदर को अच्छे से धो लें ताकी उसमें किसी भी तरह की कोई गंदगी ना रह जाएं। उसके बाद उसके छिलको को उतार दे और चुकंदर को छोटे-छोटे टुकड़ो में काट लें। इसके बाद फूड प्रोसेसर में सभी काटे हुएं चुकंदर के टुकड़ों को डाल कर उसका पेस्ट बना लें। लेकिन फूड प्रोसेसर में डालते हुए इस बात का ध्यान रखे कि उसमें पानी ना डाले क्योंकि इससे उसका रंग हल्का हो जाएगा।
  • अब पिसे हुए चुकंदर के पेस्ट को एक बाउल में निकाल कर किसी छन्नी की मदद से उसके सारे रस को अलग कर दें। उसके बाद उस रस को एक साफ बर्तन में निकाल ले। वैसे आप चाहें तो बर्तन में चुकंदर का रस डालने से पहले उसमें थोडी सी शराब डाल कर उसें अच्छे से फैला सकती हैं, और उसके बाद उसमें चुकंदर का जूस डालें। अगर आपके पास कोई पुराने लिप बाम की डिब्बी हो तो आप उसका भी प्रयोग कर सकती है लेकिन उसका प्रयोग करने समय इस बात का ध्यान रखे कि वो डिब्बी अच्छे से साफ हो और उसमें किसी भी तरह की नमी मौजूद ना हो।
  • उस चुकंदर के रस में अब थोड़ा सा नारियल का तेल मिला लें। नारियल का तेल आप चाहें तो अपनी आवश्यकता के अनुसार भी प्रयोग कर सकती हैं। अगर आप नहीं चाहती कि अपके बाम का रंग ज्यादा गहरा हो तो नारियल तेल की मात्रा बढ़ा दें। वैसे नारियल तेल को मिलाते समय इस बात का ध्यान रखे की आप इसे एक चम्मच से ज्यादा प्रयोग ना करें। क्योंकि अगर चुकंदर के रस की मात्रा कम हुई या फिर नारियल के तेल की मात्रा कम हुई तो अपका लिप बाम अच्छा नहीं बनेगा और उसके कारण वो आपकी होंठों की त्वचा को कोमल करने के स्थान पर रुखा बना देगा। इसके अलावा आप चाहें तो नारियल तेल के स्थान पर पेट्रोलियम जेली का भी प्रयोग कर सकती है।
  • एक साफ चम्मच की मदद से इस मिश्रण को अच्छे से मिला लें। इसके बाद कुछ समय के लिए इसे फ्रिज में रख दे। लेकिन रखते समय इस बात का ख्याल रखे कि आप इस मिश्रण को ज्यादा देर तक फ्रिज में ना रखे। नही तो उसमें ऑक्सीकरण होने का खतरा बना रहेगा।
  • इसके बाद अब इस मिश्रण को आपने होंठों पर लगाएं। आप पाएंगे कि कुछ ही दिनों में आपके होठों का रंग हल्का गुलाबी हो जाएगा लेकिन इसे होंठों पर लगाने से पहले अपने शरीर की किसी और हिस्से पर लगा कर देख लें उसके बाद ही इसका प्रयोग करें, अगर आपको उससे कोई नुकसान ना हो तो आप इसे अपना सकती है।
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गुटखा खाने से दांतों पर पीलापन हैं तो सफेद करने के आसान उपाय






नमस्कार दोस्तों स्वागत हैं आपका, जब हम किसी गुटखे के पाउच की रंग-बिरंगी पैकिंग खोलकर अपने मुंह में डालें तो इस बात का भी ध्यान रखें कि इससे न केवल आपको मुंह का कैंसर हो सकता है, बल्कि इससे दांत भी खराब हो सकते हैं और दांतों पर पीलापन भी होता हैं अगर आपके भी दांत गुटखे की सेवन से खराब हो गए हैं तो इसे आसानी से हटाया जा सकता है। आइए हम बताते हैं कि दांत से गुटखे के दाग को कैसे आसानी से हटा कर पहले जैसी चमक आप हासिल कर सकते है।
  • पीले दांतों को सफेद बनाने के लिए थोड़ा सा नमक, सरसों का तेल और पिस्सी हुई हल्दी मिलाकर पेस्ट त्यार कर ले। इस पेस्ट को सुबह ब्रश या फिर उंगली की मदद से मसूड़ों और दांतो पर लगा कर कुछ देर के लिए छोड़ दे फिर कुल्ला कर ले। इस उपाय से दांतो के पीलापन का इलाज होता है और हिलते हुए दाँत भी ठीक होते है। इस घरेलू तरीके के निरंतर इस्तेमाल से मसूड़े स्वस्थ रहते है और दांतों में कभी पायरिया नहीं होता, इसके इलावा दांत भी कभी पीले नहीं पड़ते।
  • दातों का पीलापन दूर करने के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करें सबसे पहले एक चम्मच बेकिंग सोडा यानी कि मीठा सोडा लें और उसमें एक चुटकी नमक मिला लें और अब इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर 2 मिनट तक अपने दांत साफ करें और सप्ताह में इस तरह आप दो या तीन बार इस प्रक्रिया को दोहराएं 4 हफ्ते में आपके दांतों का पीलापन पूरी तरह हट जाएगा और आपके दांत साफ सफेद नजर आने लगेंगे।

  • दातों का पीलापन दूर करने के लिए स्ट्रॉबेरी को इस तरह से इस्तेमाल करें और यह टेस्टी फ्रूट भी है और दांतों को चमकाने के लिए भी कारगर साबित होगा तो आप कुछ स्ट्रॉबेरी लेकर उसका पेस्ट बना लें और इस पेस्ट से रोजाना अपने दांत साफ करें, ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपके पीले दांत बिल्कुल सफेद व चमकदार नजर आने लगेंगे.
  • दातों का पीलापन दूर करने के लिए आप चम्मच में नारियल का तेल लेने और रोहित या फिर 10 बरस की सहायता से आप इसको हल्के हल्के से अपने दांतों पर लगाने हैं इस तरह कोकोनट का ऑयल रोज अपने दातों पर लगाने से कुछ ही दिन में आपके पीले दांत सफेद हो जाते है।
  • लकड़ी के कोयले से दांतों का पीलापन दूर करें लकड़ी के कोयले को पीसकर बारीक कर लें ऐसा करने से कुछ ही दिनों में आपके दांतो का पीलापन चला जाता है और यह बहुत ही कारगर घरेलू नुस्खा है और मेरा खुद का आजमाया हुआ भी है।
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Thursday, 16 November 2017

सर्दियों में वजन बढ़ाना चाहते हैं आप, तो फिर खायें ये

सर्दियों में वजन बड़ाना

दोस्तो सर्दियों के दिनों की संभावनाओं को लेकर आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल भी रखना चाहिए। सर्दियों में हम अधिक खाते हैं क्योंकि शरीर को तापमान नियंत्रित रखने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। यह हमें भोजन से मिलती है। परिणाम स्वरूप खाना जल्दी पच जाता हैं और हमें अधिक भूख लगती है। जिसका नतीजा है-वजन का बढऩा। सर्दी भी वजन बढ़ाने के लिए एक महान अवसर है। तो आप भी वजन बढ़ाना चाहते हैं तो अपने खानपान में इन चीजों को शामिल कर सकते है।


  • केला वजन बढ़ाने का सबसे प्रभावी और आसान तरीका है केले का सेवन। दिन में कम से कम तीन बार केला जरूर खाएं। दूध या दही के साथ केला और भी फायदेमंद है। रोज सुबह नाश्ते के साथ बनाना-मिल्क शेक जरूर लें। महीने भर में परिणाम आपके सामने होंगे।  


  • अंडा अपने दिन की शुरूआत अंडे के साथ करें। यह आपकी मांसपेशियों और वजन को तेजी से बढ़ाने में मदद करता हैं। अंडे में 6 से 8 ग्राम तक प्रोटीन उपलब्ध होता है। और साथ ही इसमें विटामिन, जिंक, आयरन और कैल्शियम भी होता है जो वजन हासिल करने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थो में से एक है।


  • रेशेदार सब्जियां ब्रोकोली और अन्य रेशेदार सब्जियां जैसे पालक, टमाटर, स्‍वीट कोर्न, मिर्च और प्‍याज व्‍यायाम के बाद लिये जाने वाले आहार हैं। लेकिन इसके इस्‍तेमाल के समय आपको इस बात का ध्‍यान रखने की जरूरत है कि इन सब सब्जियों को ज्‍यादा न पकाएं क्योंकि ज्‍यादा पकाने से इसमे मौजूद विटामिन और खनिज कम हो जाते है।
  • सूखे मेवे ये कैलोरी, पोषक तत्वों और फाइबर के प्रमुख स्रोत हैं। एक कप किशमिश में 449 व बादाम में 529 कैलोरी होती है।
  • चीज फैट, प्रोटीन, कैल्शियम व  कोलेस्ट्रॉल से भरपूर चीज या पनीर वजन बढ़ाने में सहायक होता है।


  • पीनट बटर 1 बड़े चम्मच पीनट बटर (मूंगफली का मक्खन) से 100 कैलोरी मिलती है। यह दिल के लिए भी फायदेमंद होता है। 
  • आलू इसमें स्टार्च, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन-सी भरपूर मात्रा में होता है। इसे छिलके सहित खाएं। एक आलू में लगभग 150 कैलोरी होती है।


  • पास्ता इसमें कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी होती है। ऐसे ही एक कप मैकरोनी में 390 कैलोरी मिलेगी, जबकि तैयार स्पेगैटी के एक कप में 220 कैलोरी। सब्जियां डालकर बनाएंगे तो और भी पोषक तत्व मिलेंगे।
  • मक्खन घर में निकले मक्खन या बटर को ब्रेड पर लगा कर, दाल, सब्जी और पाव-भाजी में डालकर खाने से वजन बढ़ेगा।


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Wednesday, 15 November 2017

बवासीर के लिए रामबाण आयुर्वेदिक नुस्खा


बवासीर में मलमार्ग के अंदर और मलमार्ग के आसपास की जगह पर सूजन होती है। मलमार्ग नलिका बड़ी आंत का अंतिम भाग है और लगभग 4 सेमी लंबा होता है जो गुदा नलिका के निचले सिरे पर बाहर की ओर खुलता है जिसके माध्यम से मल पास होता है। बवासीर एक बहुत ही दुख और तकलीफ देने वाला रोग होता है जिसमें अत्यधिक दर्द होने के कारण रोगी बहुत अधिक परेशान और दुखी हो जाता है।
दोस्तो बवासीर को पहचानना बहुत ही आसान है। मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा और इसके बाद रक्तस्राव, खुजली इसका लक्षण है। इसके कारण मलमार्ग में सूजन हो जाती है। आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर बवासीर से छुटकारा पाया जा सकता है।
  1. किशमिश रात को 100 ग्राम किशमिश पानी में भिगों दें और इसे सुबह के समय में इसे उसी पानी में इसे मसल दें। इस पानी को रोजाना सेवन करने से कुछ ही दिनों में बवासीर रोग ठीक हो जाता है।
  2. जामुन की गुठली और आम की गुठली के अंदर का भाग सुखाकर इसको मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में हल्के गर्म पानी या छाछ के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
  3. इसबगोल भूसी का प्रयोग करने से से अनियमित और कड़े मल से राहत मिलती है। इससे कुछ हद तक पेट भी साफ रहता है और मस्‍सा ज्‍यादा दर्द भी नही करता।
  4. नींबू डेढ़-दो कागजी नींबू अनिमा के साधन से गुदा में लें। 10-15 मिनट के अंतराल के बाद थोड़ी देर में इसे लेते रहिए उसके बाद शौच जायें। यह प्रयोग 4-5 दिन में एक बार करें। इसे 3 बार प्रयोग करने से बवासीर में लाभ होता है।
  5. जीरा करीब दो लीटर मट्ठा लेकर उसमे 50 ग्राम पिसा हुआ जीरा और थोडा नमक मिला दें। जब भी प्यास लगे तब पानी की जगह यह छाछ पियें। चार दिन तक यह प्रयोग करने से बवासीर के मस्‍से ठीक हो जाते है। या आधा चम्‍मच जीरा पावडर को एक गिलास पानी में डाल कर पियें।
  6. बड़ी इलायची बड़ी इलायची भी बवासीर को दूर करने का बहुत ही अच्‍छा उपचार है। इसे सेवन करने के लिए लगभग 50 ग्राम बड़ी इलायची को तवे पर रखकर भूनते हुए जला लीजिए। ठंडी होने के बाद इस इलायची को पीस लीजिए। रोज सुबह इस चूर्ण को पानी के साथ खाली पेट लेने से बवासीर ठीक हो जाता है।
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टाइम से पहले क्या गिरने लगे हैं बाल, तो अपनाए ये चीजे बालों का गिरना हो जाएगा बिल्कुल बंद




 दोस्तो बालों के बढ़ने का एक निश्चित समय होता हैं जिसके पूरा होने के बाद बालों का बढ़ना रुक जाता है। व्यक्ति के शरीर की अवस्था के मुताबिक बालों की जड़ों के नीचे का भाग जब अभिशोषित हो जाता है तो पुराना बाल, रोम कूप से अलग हो जाता है। इसी रोम कूप से अलग हो जाने के क्रिया को  बालों का गिरना  कहा जाता है इसके बाद उसी स्थान पर नया बाल उग आता है। लेकिन कई लोग बाल झड़ने की परेशानी से ग्रसित हो जाते हैं और इसके कारण वो अपनी खूबसूरती को लेकर भी काफी परेशान हो जाते है। आजकल हर 5 में से 4 लोग बालों की समस्या से जूझ रहे हैं फिर चाहें वो बालों का झड़ना हो या फिर सफेद होना। आज हम आपको बता रहे हैं ऐसी प्राकृतिक चीजों के बारे में। इन चीजों के बारे में जिनसे आपके बाल जड़ों से मजबूत होते हैं।
  • स्नान अधिक बाल गिरने की परेशानी से बचने के लिए सिर को जल्दी-जल्दी धोना चाहिए। बाल धोने के बाद गीले बालों में कंघी करने से बचना चाहिए क्योंकि गीले बालों में कंघी करने से बाल जल्दी ही टूट जाते हैं। इसके लिए बाल को थोड़ी देर सूखने दें और उसके बाद कंघी करें।
  • नारियल के तेल से सिर में मालिश करने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।  मेथी और आंवला के चूर्ण को नारियल के तेल में उबालकर सिर पर लगाने से लाभ मिलता है।   
  • चाय सिर धोने के बाद चाय के पानी से सिर धोने से बालों में चमक आती है और बालों का टूटना बन्द हो जाता है।
  • नीम सिर के बाल गिरने की शुरुआत ही हुई हो तो इसके लिए आप को नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबाल लेना चाहिए। इससे बालों को धोने से बालों का झड़ना कम हो जाता है। इस तरह बाल काले भी होंगे और लंबे भी।
  • हरताल 10 ग्राम, शंख का चूर्ण 50 ग्राम और ढाक की राख 10 ग्राम इन सबको मिलाकर लेप करने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
  • राई के हिम या फांट से सिर धोने से बाल गिरना बन्द हो जाते हैं। सिर में फोडे़-फुन्सी, जुएं और खुजली आदि रोग समाप्त हो जाते है।
  • तुलसी  कम उम्र में बाल गिरते हों और बाल सफेद हो गये हों तो इसके लिए तुलसी के पत्ते और आंवले का चूर्ण पानी के साथ मिलाकर सिर में मालिश करें। इसके 10 मिनट बाद सिर को धो लें। इससे बालों का झड़ना कम होता है तथा बाल काले और लंबे भी होते है।
  • मेंहदी के पत्ते और चुकन्दर के पत्ते को चटनी की तरह पीसकर सिर में लगाने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है और नये बाल जाते हैं।
  • हल्दी कच्ची हल्दी में चुकन्दर के पत्तों का रस मिलाकर सिर में लगायें। इससे बाल नहीं गिरते और नये बाल भी उग आते हैं। बाल सुन्दर और आकर्षक बन जाते हैं।
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क्या आप जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार भोजन के अंत में पानी विष के सामान होता है

नमस्कार दोस्तो आपका स्वागत हैं, हमे भोजन हमेशा आराम से जमीनपर बैठकर करना चाहिए ताकि सीधे अमाशय में जा सके । यदि पानी पीना हो तो भोजन से आ...